डाक्टर साहब ने रास्ते में
स्कूटर रोककर कबाड़ी से कहा
‘तुम कालोनी में आते हो
पर हमारे घर की लाइन
से दूर होकर निकल जाते हो
रखा है बेचने को हमारे
यहाँ भी बहुत कबाड़
बताओ कब आते हो’
वह बोला
‘आपकी कालोनी में तो हम
रोज ही आते हैं
क्योंकि अब हम
अब बस वहीं से कमाते हैं
पर आपके घर की लाइन में
आवारा कुत्ते डेरा जमाते हैं
कईयों को काट खाया है
इसलिये हम आने से घबडाते हैं
आपकी अस्पताल में कुत्ते काटने के
इलाज का इंजेक्शन होते हुए भी
नो स्टाक का बोर्ड लगाते हैं
न उधर आये हैं न आयेंगे
हमारा कबाड़ सस्ता है
और इंजेक्शन हैं महंगे
हम कहाँ खरीद पायेंगे
आपकी लाइन में गरीब सब्जी वाले
को जब कुत्ते ने काटा था
मैं ही उसे लाया था आपके पास
मुझे मालूम हैं
अपने अस्पताल में आप
किसी को नहीं पहचानते हो
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