धनि रहीम जल पंक को लघु जिय पिअत अघाय
उदधि बढ़ाई कौन है जगत पिआसो जाय
जाय संत रहीम जल के महत्व का बखान करते हुए कहते हैं कि कीचड का जल भी धन्य है जहाँ छोटे प्राणी उसे पीकर तृप्त हो जाते हैं परंतु सागर की बढ़ाई कोई नहीं करता क्योंकि उसके तट पर जाकर संपूर्ण संसार प्यासा लौटकर आता है।
मांगे घटत रहीम पद, कितौ करौ बढ़ि काम
तीन पैग बसुधा करो, तऊ बावनै नाम
यहाँ आशय यह है कि याचना कराने से पद कम हो जाता है चाहे कितना ही बड़ा कार्य करें। राजा बलि से तीन पग में संपूर्ण पृथ्वी मांगने के कारण भगवान् को बावन अंगुल का रूप धारण करना पडा।