स्कूल से घर लौटे बच्चे आपस में
रोमन और देवनागरी लिपि को
लेकर लड़ने लगे
‘मैं तो रोमन में हिंदी लिखूंगा
तुझे देवनागरी में लिखना है लिख
दूसरा कहता है
‘मैं तो हिंदी में ही हिंदी जैसा दिखूंगा
तुझे अंग्रेजी जैसा दिखना है तो दिख’
माँ हैरान है और पूछती है
‘बेटा अभी तो शब्द ज्ञान आया है
लिखोगे तुम तो पढेगा कौन
तुम चिल्ला रहे हो
कौन सुने और कौन पढे
शब्द तो तभी पढा और सुना जाता है
जब आदमी होता है मौन
तुम क्या लिखोगे और क्या पढोगे
प्रेमचंद, निराला, प्रसाद और कबीर को
नहीं पढा लडाई झगडा करते हुए
अपनी ज़िन्दगी गुजारोगे
अभी तो बोलना शुरू किया है
अब तक लिखा क्या है जो
लिपि को लेकर लड़ने लगे हो
हिंदी का जो होना है सो हॊगा
पहले पढ़ना सीखो और फिर सोचो
लोगों चाव से पढ़ें एसा नहीं लिखा तो
तुम्हारा नाम भी अनाम होगा
यह अभी से ही लग रहा है दिख
जब यूनिकोड है तो काहेका झगडा
रोमन में लिख देवनागरी में पढ
रोमन में भी पढ देवनागरी में लिख’
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